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RAJESH KUMAR

Children Stories

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RAJESH KUMAR

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गलत लोग सही मोटिवेशन?

गलत लोग सही मोटिवेशन?

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अभिषेक एक नामी सरकारी विद्यालय का छात्र है । इस समय कक्षा 11 में अध्ययनरत है, वह कक्षा एक से ही विद्यालय में है, लेकिन अभी अंतर्द्वंद से गुजर रहा है। वह एकेडमिक विषयों में अच्छा है बेहतर  प्रदर्शन कर रहा है । विद्यालय की एक्टिविटीज में भी बढ़-चढ़कर भाग लेता है । अतिरिक्त पाठयक्रम गतिविधिया, में स्वयं प्रतिभाग करता है। वह अपने साथियों को भी प्रेरित करता है।

प्राचार्य को भी कई वर्षों से विद्यालय में देख सुन रहा है। लेकिन वह कुछ समय से  विद्यालय के वातावरण को देखकर खुश नहीं है।प्रार्थना सभा में शिक्षकों द्वारा प्राचार्य द्वारा बेहतरीन संबोधन, प्रेरक कहानियां सुनाई जाती है। जिसे सुनकर पहले वह आनंदित व खुश होता था अब निराशा का भाव है।

वह देखता है विद्यालय में एकता के लिए प्रतिज्ञा, अन्य तरह की प्रतिज्ञाएं दिलवाना , कुछ छात्र शायद मतलब भी नहीं समझते होंगे ,उनको भी प्रतिज्ञा दिलवाई जा रही है, छात्र ले रहे हैं। लेकिन उस पर अमल नहीं किया जा रहा है। कक्षाओं की खिड़कियों के शीशे टूटे हैं । डस्टबिन समय पर साफ नहीं हो रहे हैं। शौचालय की स्थिति अच्छी नहीं है ,उसका मन खिन्न होता है।

पर्यावरण दिवस पर वृक्ष रोपे जा रहे हैं । फोटो सेशन होते हैं शिक्षक व छात्र छात्राओं के साथ, यह कई वर्षों से हो रहा है। लेकिन अभिषेक देखता है कि विद्यालय में अब तक कितने वर्षों वह पढ़ रहा है उस समय से लगाए वृक्ष कहां गए?

पर्यावरण पर पोस्टर कंपटीशन, क्विज ,भाषण प्रतियोगिताएं होती हैं। सब अपनी बातों को रखते हैं विजेता भी घोषित किए जाते हैं । लेकिन विद्यालय के अंदर  की स्थिति क्या है?

विद्यार्थियों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाया जाता है । शिक्षक ,प्राचार्य द्वारा उन्हें प्रोत्साहित किया जाता है । लेकिन तभी जब कोई निरीक्षण होता है, कोई अतिथि आते हैं, कोई विशेष पर्व होता है। तभी उस पर ध्यान दिया जाता है।

परीक्षाओं के समय कक्षा 9 व 11 के छात्रों के साथ काफी सख्ती से परीक्षा ली जाती है । अच्छी बात है, लेकिन अभिषेक यह महसूस करता है ,काश इतनी तत्परता से हमारे विद्यालय में शिक्षकों ने सभी ने इतनी मेहनत की होती। वह महसूस करता है कि कक्षा 9 व 11 के छात्रों का रिजल्ट शिक्षकों के हाथ में है। वह उनकी कोई विशेष जिम्मेदारी भी नहीं है कि छात्र पास होता है या फेल होता है। शिक्षक 10वीं व 12वीं के बोर्ड रिजल्ट के प्रति जवाब देही है। इसी कारण से वह कक्षा 9 व 12 में छात्रों को  रोक देना चाहता है ।  10वीं 12वीं में अच्छे से अच्छे छात्रों को ही ले जाना चाहता है ,ताकि अध्यापक का रिजल्ट अच्छा, बेहतरीन रहे। 

अभिषेक  महसूस करता है कि उन छात्रों ने क्या बिगाड़ा है? जिनके मार्क्स थोड़े कम रह जाते हैं ,लेकिन शिक्षकों कोई चांस नहीं देना चाहते और उन्हें  फेल कर देते हैं। अभिषेक इन बातों को लेकर भी अब जागरूक हुआ, वह अपने दोस्तों को समझाता है कि मेहनत करो अन्यथा शिक्षक आपको अगली कक्षा में नहीं जाने देंगे।

कुछ शिक्षक का अभिषेक बहुत सम्मान देता है । क्योंकि वह अपना समय भी देकर बच्चों के साथ उनके समस्याएं सुनते हैं, उनको समझते हैं । वह  ट्यूशंसन के लिए, कोचिंग के लिए हतोत्साहित करते हैं, कक्षा में अध्ययन पर जोर देते हैं।अभिषेक कक्षा 12 में एक विषय राजनीतिक विज्ञान भी है। जिससे वह अपने अधिकार कर्तव्यों को भी जान समझ रहा है। वह अपनी परिस्थितियों के हिसाब से तुलनात्मक का ध्यान भी करता है।

अभिषेक अपनी बातों को, जिन  अध्यापकों से से दोस्ताना व्यवहार है ,उनसे यह समय-समय पर डिसकस भी करता है। शिक्षकों की अपनी एक लिमिट है, विद्यालय में हो रही है प्रशासनिक कार्रवाई यों के बारे में ।

कहने को तो विद्यालय में स्टूडेंट काउंसिल भी है ,जो एक इलेक्टेड है ,लेकिन वह सिर्फ पेपर के ऊपर ही है। ना तो प्राचार्य उनसे इस संबंध में कभी संवाद करते ना उन की समस्याओं को पूछते हैं।

कहने को तो शारीरिक शिक्षा एक अनिवार्य विषय है, लेकिन अभिषेक को व अन्य छात्रों को समय दिया जाता है ,ना मैदान की साफ सफाई, ना बढ़ रही घास समय पर काटी जाती है। लेकिन हमारे दोस्त हमारे विद्यालय के छात्र-छात्राएं हमेशा मेडल विभिन्न स्तर पर जीत पर आ रहे हैं।कुछ कमियां हमारे मित्रों में विद्यार्थियों में भी हैं। कभी-कभी देखकर लगता है कि जो कमियां हमारे प्रिंसिपल शिक्षकों में है, उससे ज्यादा हमारी गलतियों को अनदेखा करते हैं । हम शौचालय में फर्नीचर में कभी-कभी कोई स तोड़फोड़ करते हैं ,गंदगी फैलाते हैं ,लेकिन प्रिंसिपल व शिक्षक हमें हमेशा प्रोटेक्ट भी करते हैं।लेकिन अभिषेक के मन में  अंतर्द्वंद है की चीजें सही तरीके से भी हो सकती हैं।

अभिषेक मुखर होकर अपनी बात नहीं कहना चाहता। क्योंकि उसको एक साल बाद विद्यालय छोड़ना है ,वह आने वाली अपने भविष्य के बारे में भी सोचता है। शायद अभिषेक बड़ा व समझदार हो रहा है?



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