एक अनोखा रिश्ता
एक अनोखा रिश्ता


एक एग्जाम के सिलसिले में आज शहर जाना हुआ।सुबह से ही बारिश हो रही थी।चूंकि एग्जाम 11 बजे से था और गांव से शहर तक का रास्ता लगभग 3 घण्टे का था तो मैं जल्दी 7 बजे वाली बस में निकल गया। सफर बहुत अच्छा रहा। लुभावने दृश्य, बारिश में और भी लुभा रहे थे।
बस में सफर करने का अपना ही एक अलग आनन्द होता है। बहुत तरह के लोग आपको एक ही छत के नीचे मिल जाते हैं। अलग अलग तरह की बातें आप सुनते हैं। किसी की हंसी, कोई खबरों में मशगूल, कोई बच्चे को पुचकार रहा है। जाने अनजाने में ये लोग थोड़ी देर के लिये ही सही हमारी ज़िंदगी का चाहे छोटा सा ही सही पर हिस्सा बन जाते हैं।
मुझसे आगे वाली सीट पर एक लड़की बैठी थी शायद उसका भी एग्जाम था क्योंकि वह जहां एग्जाम होना था वहां का रास्ता मेरे साथ वाली सीट पर बैठे अंकल से पूछ रही थी।
उसे नहीं पता था एग्जाम सेंटर तक कैसे पहुंचना है। अंकल उसे बस स्टैंड से बस लेने के लिए बोल रहे थे। हम लगभग 10:15 तक पड़ाव पर पहुंचे। अगर वो लड़की बस स्टैंड जाती और वहां से एग्जाम सेंटर तक बस लेती तो वो शायद लेट हो जाती क्योंकि एग्जाम सेंटर में हमें आधा घण्टा पहले पहुंचना था। चूंकि मुझे रास्ता पता था तो पड़ाव पर पहुंचते मैन उस लड़की को कहा कि "क्या आपका एग्जाम है।" उसने कहाँ "हां।" मैंने उसे कहा कि "मेरा एग्जाम भी वहीं हैं हमें यहीं उतर जाने चाहिए अगर बस स्टैंड जाएंगे तो देर हो जायेगी।" वो लड़की भी मेरे साथ वहीं उतर गयी। मैनें उसे बताया कि थोड़ी आगे से हमें ऑटो मिल जाएगा एग्जाम सेंटर तक। बाहर बहुत बारिश हो रही थी और जहां से ऑटो मिलना था वहां तक हमें थोड़ा पैदल चलना था। मैं छाता नहीं ले के गया था तो मैं आगे भीगता हुआ चलने लगा। उस लड़की के पास छाता था तो उसने छाता मेरी तरफ करते हुए कहा कि आप भीग जायेंगे, छाते में आ जाइए। हालांकि मैंने मना किया पर उसने कहा कि कोई दिक्कत नहीं है छाते में आ जाइए। थोड़ा चलने के बाद हम दोनों पहंच गए जहां से हमें ऑटो मिलना था और वहां से ऑटो लेकर एग्जाम सेंटर तक पहुंचे। एग्जाम सेंटर में जैसे ही पहुंचे वहां काफी भीड़ थी। अपना रोल नम्बर लिस्ट में देखने के लिए काफी जद्दो जहद थी। मैंने उस लड़की से उसका रोल नम्बर पूछा और भीड़ में रोल नम्बर देखने के लिए निकल पड़ा। हम दोनों का रोल नम्बर देखने पर में वापिस लौटा और उस लड़की को ढूंढने लगा। वो एक कोने में खड़ी थी और मुझे देखते ही मुस्कुराते हुए आवाज लगा के बोली कि मैं यहां हूं। मैनें उसे उसका कमरा नम्बर बताया उसने मेरा पूछा मैन अपना भी बताया। हम दोनों का एग्जाम अलग अलग रूम में था। हम दोनों साथ में अंदर गये दोनों ने एक दूसरे को गुड लक विश किया और अपने अपने कमरों में चले गये।
एग्जाम खत्म होते ही में देखता रहा कि वो लड़की मुझे कहीं दिख जाये चूंकि हम दोनों एक दूसरे को सिर्फ पिछले 2-3 घण्टे से जानते थे तो मुझे लगा कि हमें एक ही जगह जाना है तो साथ में जा सकते थे। पर शायद उसके साथ मुलाकात बस वहीं तक थी। काफी देर तक देखने के बाद भी मुझे वो लड़की कहीं नहीं दिखी। शायद वो मुझसे आगे निकल गयी होगी। मैनें आंखे बंद करके यहां तक के सफर के लिए धन्यवाद किया और वापसी के लिए बस लेकर पड़ाव तक निकल पड़ा।