ए टेल ऑफ़ ए नाइट
ए टेल ऑफ़ ए नाइट
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बहुसंख्यकों व अल्पसंख्यकों के बीच जब विश्वास का संकट पैदा होता है तब दोनों ही एक दूसरे से खतरा महसूस करने लगते हैं, और स्वयं को असुरक्षित पाते हैं। तब ऐसे अवसरों का लाभ नेता, राजनेता और मज़हबी व धार्मिक संगठनों के संचालक अपने व्यक्तिगत स्वार्थों की पूर्ति हेतु उठाते हैं। वे बहुसंख्यकों व अल्पसंख्यकों को आपस में लड़वाकर भारत की धर्मनिरपेक्षता पर प्रश्न चिन्ह लगा देते हैं।
