दो बिल्लियां (भाग-1)
दो बिल्लियां (भाग-1)
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बहुत पुरानी बात है । एक झोपड़ी में बूढ़ी गरीब औरत रहती थी। उसके पास एक पालतू बिल्ली थी। वह पतली दुबली सी थी । बुढ़िया उसे बहुत स्वादिष्ट भोजन नहीं दे पाती थी, केवल कभी-कभी पतला दलिया खाने को दे देती थी। एक सुबह पतली बिल्ली ने दूसरे घर की दीवार पर एक मोटी बिल्ली को चलते हुए देखा । पतली बिल्ली ने आवाज लगाई "प्यारी दोस्त! लगता है तुम रोज दावते उड़ाती हो । क्या तुम मुझे बता सकती हो कि इतना सारा खाना तुम्हे कहाँ से मिलता है।"
मोटी बिल्ली बोली "मेरी मालकिन मुझे बहुत सारा खाना खाने को देती है, तू मेरी रोज दावत होती है।"
तुम्हें भी दावत का मजा उठाना है तो चलोगी मेरे साथ ?
असली बिल्ली बोली "हां हां जरूर आउंगी चलो"।
दोनों बढ़िया दावत खाने चले जाती है।
