दिल शीशे का क्यों

दिल शीशे का क्यों

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किसी ने खुदा से पूछा इक दिन,

ऐ खुदा तूने इंसान बनाया, इंसान की रूह बनाई, ये मिट्टी का जिस्म बनाया पर शीशे से भी नाजुक ये दिल क्यों बनाया, हर शख्स आता है और इसे तोड़ और झंझोर जाता है ?

तब भगवान ने जवाब दिया, मैंने तो सिर्फ इंसान बनाया, उसका नेक दिल बनाया, रूह बनाई, उसने मैल, बुराई, धोखा, फरेबी सब तुमने खुद बसाया।

दिल तो मैंने उसी मिट्टी से बनाया जिससे तेरा जिस्म बनाया पर तुमने उसमें बुराई भर कर उसे खुद शीशे सा नाजुक बना दिया, जब दूसरों को दुख देते हो तो दिल के दर्द की कद्र नहीं करते और जब कोई दूसरा तुम्हे दर्द देता है तो दिल टूटने का दावा करते हो ?क्यों ?

यही कमजोरी है तुम इंसानों की अपना दुख दुख, अपना दर्द दर्द, अपना दिल दिल और दूसरों का खिलौना ? दूसरों की सोचो और अपने कर्म बदलो, हर कुछ बदल जाएगा। हर सवाल का जवाब मिल जाएगा।


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