चिंपैंजी की करुणा
चिंपैंजी की करुणा
फेलिन अपने माता पिता के साथ फ्लोरिडा में रहती थी। एक बार फेलिन के माता पिता तंजानिया के जंगलों घूमने गए थे। उन्होंने उस घने जंगल को बहुत ही करीब से निहारा मगर दुर्भाग्यवश उस दिन फेलिन अपने माता पिता से बिछड़ गई। फेलिन उन घने जंगलों में कहीं खो गई थी। फैलिन के माता पिता ने फेलिन को बहुत ढूंढा परंतु फेलिन कहीं भी नजर ही नहीं आई। फेलिन के माता पिता ने लगातार सप्ताह भर तक फेलिन को ढूंढते रहे। परंतु उन्हें फेलिन कहीं भी पता नहीं चला। फेलिन के माता-पिता को इस बात का बहुत ही पछतावा हो रहा था। आखिरकार फेलीन के माता-पिता बहुत ही निराश होकर अपने घर चले गए।
फेलीन भी अपने माता पिता को ढूंढ रही थी। फेलिन भी लगातार 7 दिनों से जंगल में भटक रही थी। फेलिन भूखी प्यासी थी। आखिरकार भूख प्यास से फेलिन जंगल में बेहोश होकर गिर गई।
वहीं पास ही जंगल में चिंपैंजी का परिवार एक साथ रहता था। उसने फेलिन जैसी छोटी बच्ची को देखकर गोद में उठा लिया ।
फिर उसे अपने घर ले आया। उसने किसी तरह फेलिन को पानी पिलाया और खाने के लिए कुछ फल दिए। फेलिन कि आंख जब अचानक खुली तो वह अजीब दिख रहे प्राणी को देखकर डर गई। परंतु फिर छोटी बच्ची ने बहुत ही सूझबूझ से काम लिया उसने हिम्मत करके थोड़े बहुत फल खाए और कुछ पानी ली। धीरे-धीरे दिन बिताता गया दोनों एक दूसरे से घुल मिल गए। फिर एक साथ रहने लगे। दोनों एक दूसरे की भाषा को समझने लगे। फेलिन ने भी उन सभी के साथ रहकर खूब मस्तियां की। एक बार की बात है चिंपांज़ी का एक बच्चा घायल हो गया था। उसे किसी जहरीले सांप ने काट लिया था। चिंपांजी का पूरा परिवार डर गया। यह सब देखकर। फेलिन को उसके माता-पिता की बात याद आई । फेलिन के माता-पिता एक आयुर्वेदिक कंपनी में काम किया करते थे। फेलिन ने अपने माता पिता को सांप काटने पर उसका उपचार करने वाली जड़ी बूटियों को देखा था। फेलीन ने जंगल में से उस जड़ी बूटी ढूंढा ।फिर उससे उस बच्चे का इलाज किया। चिंपैंजी का बच्चा कुछ दिनों में ठीक हो गया। चिंपैंजी का परिवार बहुत ही खुश हुआ।
तभी फेलिन ने एक चिंपैंजी से बोला- मैं अपने माता-पिता से मिलना चाहती हूं। मुझे उनकी याद आ रही है। चिंपैंजी ने आश्वासन दिया तुम अवश्य अपने माता पिता से मिलोगी मैं तुम्हें अवश्य तुम्हारे माता-पिता से मिलवा दूंगा। यह वाक्य सुनकर फेलिन बहुत ही खुश हुई।
फिर चिंपैंजी ने बोला परंतु मेरी एक बात अवश्य याद रखना कि जानवर भी अच्छे होते हैं। हमें जानवरों को कैद में नहीं रखना चाहिए क्योंकि उनके भी परिवार होते हैं ।उनकी भी मां, पिता, भाई ,बहन और रिश्तेदार होते हैं।
यह बात सुनकर फेलिन की आंखों में आंसू भर गए उन्होंने उस चिंपैंजी को गले से लगा लिया। जब फेलिन अपने घर जा रही थी तो चिंपैंजी ने को रास्ते में भोजन के लिए कुछ फल दिए। चिंपैंजी ने फेलिन को जंगल से सुरक्षित निकाल कर सड़क पर ले आया। वहां से फेलिन अपने घर चली गई। फेलिन के माता पिता ने फेलिन को देखकर बहुत खुश हुए ।उनके आंखों में आंसू भर गए। आंसू रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे। अपनी बेटी को जीवित देखकर फेलिन की मां फूट-फूट कर रोने लगी ।उन्होंने फेलिन को गले से लगा लिया। फेलिन भी रोने लगी। फेलिन ने अपने माता पिता को जंगल की सारी बातें बताई। सारी बातें सुनने के बाद फेलिन के माता पिता आश्चर्यचकित हो गए।
फिर उन्होंने एक निश्चय किया। फिर उन्होंने जानवरों के लिए एक हॉस्पिटल खोला जिसमें बीमार और घायल जानवरों का मुफ्त इलाज किया जाएगा । उन्होंने जानवरों की रक्षा के लिए सैकड़ों पेड़ लगाएं,
यह सब देखकर फेलिन भी बहुत खुश हुई।
