Ruder sharma

Children Stories Comedy Fantasy

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Ruder sharma

Children Stories Comedy Fantasy

चार इच्छाएं !!

चार इच्छाएं !!

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एक बार की बात है। एक शहर में रौनी नाम का लड़का, अपने मम्मी पापा ओर छोटी बहन रूचि के साथ रहता था। एक दिन उसकी बहन बहुत बीमार थी ओर रौनी टीवी पर जादुई चिराग ओर जिन्न की कहानी देख रहा था। तभी उसकी माँ ने टीवी बंद कर दिया ! ओर उसे अपनी बहन के लिए दूध लेने के लिए भेजा दिया, वापस आते वक़्त उसे कूड़े के ढेर में कुछ चमकता दिखा , वह उसके करीब गया, तो उसने देखा कि वहाँ एक बहुत ही सूंदर जादुई चिराग पड़ा है ! 

रौनी को वह चिराग देखकर उस टीवी शो की याद आ गई। वह खुशी से उस चिराग को अपने घर ले आया, उसने अपनी माँ को सामान दिया ओर चिराग को अपने कमरे में ले आया। उसे कुछ समझ नहीं आया कि क्या करना है तो एकदम उसे उसके सामने एक रुमाल दिखा ! तो उसने चिराग को रुमाल से घिसा, घिसते ही उसमें से धूएं के साथ एक मोटी सी औरत निकली ! जो कि बहुत सुस्त दिख रही थी। यह देखकर रौनी बोला "तुम कोन हो, इस चिराग में से कैसे निकलीं " औरत बोली "मैं हूँ इस दुनिया की हुस्न की परी " यह सुन रौनी की हंसी न रुकी ! तब औरत बोली "मांगों क्या मांगना चाहते हो लेकिन याद रखना कि तुम सिर्फ चार इच्छाएं ही मांग सकते हो !

"जिसपे रौनी पहले तो एसी चोकोलेट मांगता है कि जिसे जितनी मर्जी खाओ वो खत्म ही नहीं होगी दूसरी इच्छा रौनी की होती है कि वो अपने पसंद हीरो से मिलना चाहता है वो इस इच्छा को पूरी करती है लेकिन वह हीरो बीमार होता है जिस कारण वह बिस्तर पर लेटा होता है, यह देखकर रौनी को बहुत गुस्सा आता है। औरत बोली "जल्दी से अपनी तीसरी इच्छा बोलो क्योंकि मेरे पसंदीदा टीवी शो का टाइम हो रहा है !" जिससे रौनी गुस्से से चिल्ला कर उसे चुप हो जाने के लिए बोलता है और वो औरत चुप हो जाती है और बोलती है "ठीक है !! तुम्हारी तीसरी इच्छा पूरी हुई" रौनी चिड़ जाता है और सोचता है कि चौथी इच्छा में मैं पूरी दुनिया को वश में कर लूँ।

जैसे ही वो चौथी इच्छा बोलने लगता है , तभी उसकी मम्मी उसकी बहन को गौद में उठाकर लाती है और रोते हुए बोलती है "रौनी बेटा !! तुम घर का ध्यान रखना मै रूचि को लेकर होस्पिटल जा रही हूँ क्योंकि उसे बहुत तेज़ बुखार है !!" यह देखकर रौनी शांत होकर अपनी बहन को ठीक करने की इच्छा मांगता है। जिसके बाद रूचि एकदम ठीक होकर हंसने-खेलने लगती है। अपनी बहन के लिए इतना प्यार देखकर वो जिन्न औरत खुशी से चिराग में वापस चली जाती है। रौनी खुशी से उस चिराग को एक तालाब में बहा देता है और उसका धन्यवाद करता है।

अंत :- चाहे हम अपने भाई-बहन से कितना भी लड़ें पर मुश्किल समय में हम उनका और वो हमारा साथ ज़रूर देते हैं।


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