भूतिया दोस्ती
भूतिया दोस्ती
रवि और सुरेश दो अच्छे दोस्त थे। वे हर रविवार को एक साथ मछली पकड़ने जाते थे। एक बार जब वे मछली पकड़ने गए, तो रवि ने एक जादुई मछली पकड़ी। मछली ने कहा, "मुझे छोड़ दो, मैं तुम्हारी हर इच्छा पूरी करूंगी।"
रवि ने हंसते हुए कहा, "ठीक है, मुझे एक भूत से मिलवा दो!"
अगले दिन, रवि के घर में अजीब घटनाएं होने लगीं। चीजें खुद-ब-खुद हिलने लगीं और रात में अजीब आवाजें आने लगीं। रवि डर गया और उसने सुरेश को बुलाया। सुरेश ने रवि को दिलासा दिया और कहा, "चलो, हम इस भूत को भगाने का कोई उपाय निकालते हैं।"
रात में, दोनों दोस्तों ने भूत को पकड़ने का प्लान बनाया। अचानक, एक भूतनी सामने आ गई। वह बहुत डरावनी थी, पर उसकी आँखों में उदासी झलक रही थी। भूतनी ने कहा, "मैं किसी को नुकसान नहीं पहुँचाना चाहती, मैं बस अपनी कहानी सुनाना चाहती हूँ।"
भूतनी ने बताया कि वह एक अकेली आत्मा थी और उसे दोस्त की तलाश थी। रवि और सुरेश उसकी बात सुनकर दुखी हो गए। उन्होंने भूतनी से दोस्ती करने का फैसला किया। कुछ दिनों बाद, भूतनी ने अपनी मुक्ति पा ली और रवि और सुरेश को धन्यवाद देते हुए अदृश्य हो गई।
रवि ने सुरेश से कहा, "अब मैं फिर से मछली पकड़ने नहीं जाऊँगा!" और दोनों हँसने लगे। वे जानते थे कि उन्होंने एक दोस्त को मुक्ति दिलाई थी और उनकी दोस्ती और भी मजबूत हो गई थी।
यह कहानी एक दिलचस्प मिक्स है जिसमें कॉमेडी, सैडनेस और हॉरर का तड़का है। उम्मीद है, आपको पसंद आई होगी!
