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दिनेश कुमार कीर

Children Stories Fantasy Inspirational

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दिनेश कुमार कीर

Children Stories Fantasy Inspirational

भाई-बहन का पवित्र रिश्ता

भाई-बहन का पवित्र रिश्ता

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जब बस में सफर कर रहा था...

और ड्राइवर के बगल में खड़ा था...

इतने में एक महिला ने ड्राइवर से बोला की "भैया" मुझे यहीं उतार दो...

ड्राइवर ने उसे उतार दिया और फिर बस चलाते हुए मुझसे कहने लगा की दिनेश जी एक बात पुंछु आपसे...

मैंने कहा पूछो...

तो ड्राइवर बोला की दिनेश जी सब्जी वाला...

रिक्शा वाला...

बस वाला... 

सारे ही लड़कियों के "भैया" क्यों होते है...

फिर ड्राइवर आगे बोला की ये सही है क्या?

सारे "भैया" कैसे हो सकते है...

ड्राइवर की बात सुन कर मेरी बहुत इच्छा हुई की, मैं उसके सवालों के जवाब दूँ, लेकिन मेरा बस स्टैंड आ गया और मैं बस से उतर गया...

दोस्तों...

ये किसी से छुपा नहीं है की भारत पर साम्राज्य पुरुषों का रहा है, इसलिए हर छोटी बड़ी बात पुरुषों के बनाये नियमों पर ही आधारित है... 

पुरुषवादी समाज में किसी को बहन या किसी को भाई कहना खुद को अच्छा और चरित्रवान साबित करना होता है, और ऐसा करना आसान भी होता है... 

इसीलिए यहाँ हर जगह पर लड़कियों के ऊपर लोगों की नजर होती है, वहाँ लड़कियों को खुद को लोगों की नजरों से बचाने के लिए "भैया" जैसे हथियार इस्तेमाल करने पड़ते है...

और इसके जिम्मेदार "सारे भैया" ही है...

फिर चाहे वो सब्जी वाला हो या बस वाला हो या कोई व्यापार वाला हो...

भारत में लड़कियां दूसरों को भैया बोल कर खुद को सुरक्षित करती है, क्योंकि उनकी सुरक्षा इन भैया लोगों के कारण ही खतरे में होती है... 

और कहीं कहीं लड़कों को भी ऐसा करना पड़ता है...

खुद को सही साबित करने के लिए उन्हें लड़कियों को बहन बोलना पड़ता है...

तो ये साबित करना...

और मज़बूरी में किसी को भैया या बहन बोलना पुरुषों की ही देन है, और अब पुरुषों को ही बुरा लगता है की हमें "भैया" क्यों बोलते हो...


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