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Guman Baldwal

Children Stories

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Guman Baldwal

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अंदरूनी खूबसूरती

अंदरूनी खूबसूरती

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बहुत पुराने समय की बात है एक जंगल था ,जिसमें एक कौवा रहता था। कौवे का रंग काला था ज़हिर है, जो कि हर कौवे का होता है। जंगल के सभी जानवर कौऔ को उनके काले रंग के लिए चिढ़ाते, सब कौऔ ने इस बात को मान लिया कि उनका रंग है ही काला तो उनका मज़ाक तो बनेगा ही, सिवाय उस एक कौवे के। वह अपने आपको एक अलग नज़र से देखता उसे तो वह बहुत सुंदर लगता उसका मानना था कि भगवान ने सभी को सुंदर बनाया है और सब में कुछ ना कुछ ख़सियत है। सब जानवर उसका इस बात पर मज़क बनाते।

एक दिन जंगल में एक शिकारी आया सभी जानवर उसके डर से छूपने लगे उसने कुछ जानवरों को पकड़ लिया और उनको मारकर अपने साथ ले गया सभी बहुत दुखी हुए पर वे कर भी क्या सकते थे? अब वह शिकारी हर दिन आने लगा और हर दिन कुछ जानवरों को मारकर अपने साथ ले जाता ,सभी जानवर उसके इस व्यवहार से बहुत दुखी थे और इसका हल ढूंढने में लगे थे तभी वह शिकारी जंगल में आ गया उसने अपनी बंदूक निकाली, बंदूक को देखकर सभी जानवर डर गए और इधर-उधर भागने लगे तभी वह कौवा अपने साथियों के साथ आया और अपने पंजों से शिकारी के मुंह पर हमला कर दिया उसके पीछे उसके सारे साथी भी उसे चोंच मारने लगे शिकारी डर गया वह डर कर भाग गया फिर वह कभी जंगल में वापस नहीं आया। सभी जानवरों ने अपनी गलती पर पछतावा किया और उससे माफी मांगी और फिर उसे धन्यवाद बोला।

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि किसी की बाहरी खूबसूरती से कितनी ही ज्यादा महत्वपूर्ण है उसकी अंदरूनी खूबसूरती।


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