काफी हद तक दिल्ली वाली हो गई हूँ पर मेरी जुबान में आज भी लखनवी लहज़ा बरकरार है। काफी हद तक दिल्ली वाली हो गई हूँ पर मेरी जुबान में आज भी लखनवी लहज़ा बरकरार है।