STORYMIRROR
होम
श्रृंखला
कहानी
कविता
कोट
ऑडियो
खरीदें
प्रतियोगिताएं
पुरस्कार
अकादमी
हमारे बारे में
हमारे साथ जुडे
संपर्क करें
लॉग इन करें
Sign Up
Terms & Condition
गोपनीयता नीति"
श्रृंखला
कहानी
कविता
कोट
ऑडियो
प्रतियोगिताएं
पुरस्कार
खरीदें
अकादमी
गिवअवे
हमारे बारे में
संपर्क करें
कोट
कोट
किताब प्रकाशित करें
En
English
Hi
हिन्दी
Gu
ગુજરાતી
Ma
मराठी
Or
ଓଡ଼ିଆ
Bn
বাংলা
Te
తెలుగు
Ta
தமிழ்
Ka
ಕನ್ನಡ
Ml
മലയാളം
लाइब्रेरी
नियम और शर्ते
गोपनीयता नीति"
साइनअप
लॉग इन
En
English
Hi
हिन्दी
Gu
ગુજરાતી
Ma
मराठी
Or
ଓଡ଼ିଆ
Bn
বাংলা
Te
తెలుగు
Ta
தமிழ்
Ka
ಕನ್ನಡ
Ml
മലയാളം
फीड
लाइब्रेरी
लिखें
सूचना
प्रोफाइल
क्या आप पुस्तक प्रकाशित करना चाहते है ?
यहाँ क्लिक करें
मुक्तक
खुशी की परवाह
बदले में
इंसान ए आम हूँ
नि:स्वार्थ भावों
पैसा बनता सहायक
घेर लेते
चाह में चाहत
असंतुष्टि के तूफ़ान
शैलेन्द्र गौड़
परिश्रम और पैसा
सरित सम
खुशहाली
सहायक प्रभाव
प्रयोग
बहु रोग
शांति-चैन
बेचैनी और अशांति
खुश वही रहेगा
इंसानियत की चाह
Hindi
चाह
Quotes
चाह में चाहत फीकी पड़ने लग गई, दिल में नजदीकियां खलने लग लगी ...
जैसे बनने की उत्कट चाह है होती, वह तो बनकर के ही रहता है वैस ...
कुछ करने की प्रबल चाह, दूर करती है सारे अभाव। भरती हर पल नव ...
आम हूँ पर खास नहीं, जिंदगी फ़िर भी उदास नहीं। आम होकर भी अपने ...
बेचैनी और अशांति से भर जाती है जीवन की राह। जबकि शांति-चैन क ...
बेचैनी और अशांति से भर जाती है जीवन की राह। जबकि शांति-चैन क ...
संतुष्टि की चाह में हम करते हैं इतने प्रयोग। असंतुष्टि के त ...
संतुष्टि की चाह में हम करते हैं इतने प्रयोग। असंतुष्टि के त ...
संतुष्टि की चाह में हम करते हैं इतने प्रयोग। असंतुष्टि के त ...
संतुष्टि की चाह में हम करते हैं इतने प्रयोग। असंतुष्टि के त ...
जीवन में सबको होती है, सदा ही खुश रहने की चाह। मगर सतत् खुश ...
हम निज जीवन बनाएं सरित सम, जिसमें रहे अविरल सतत् प्रवाह। नि: ...
00:00
00:00
Download StoryMirror App