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मुक्तक खुशी की परवाह बदले में इंसान ए आम हूँ नि:स्वार्थ भावों पैसा बनता सहायक घेर लेते चाह में चाहत असंतुष्टि के तूफ़ान शैलेन्द्र गौड़ परिश्रम और पैसा सरित सम खुशहाली सहायक प्रभाव प्रयोग बहु रोग शांति-चैन बेचैनी और अशांति खुश वही रहेगा इंसानियत की चाह

Hindi चाह Quotes