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जैसे बनने...

जैसे बनने की उत्कट चाह है होती, वह तो बनकर के ही रहता है वैसा। इच्छा का प्रभाव दूर करता अभाव, इसमें साधन है परिश्रम और पैसा। # गायत्री सिंह #

By Gayatri Singh
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