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मर्यादा, मानवता का वो सुन्दर गहना है, जो मनुष्य के संस्कारों एवं चरित्र की प्रतीति देता है......!
दोस्ती हो, प्यार हो या कोई भी रिश्ता, अगर मर्यादा में रहकर निभाया जाए तो रिश्तों में मिठास और सभ्यता बनी रहती है....!
अमर्यादित व्यवहार किसी रिश्ते या प्रेम की गहराई नहीं मगर असभ्यता का प्रतीक है.....!
प्रेम तथा रिश्तों की गहराई तो सिर्फ़ सभ्य तथा मीठे व्यवहार में ही पाई जाती है.....!
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