“
हे मेरे मालिक! मैं नादान हूँ,
दुनिया की कालिख कमाते कमाते, मैं भूल जाता हूँ कि मैं तेरी संतान हूँ.....!
क्या सही क्या ग़लत, सब कुछ जानते हुए भी अनजान बन जाता हूँ और विपरीत दिशा में चलना शुरू कर देता हूँ......!
हे मेरे रबा, मुझे सच की राह पर चलने की शक्ति दे, मुझे अपना प्यार और भक्ति दे,
हर पल तेरी याद दे, और तेरा ही ध्यान दे...!
मुझे बुरे कर्मों और गुनाहों से बचाना,
मुझे सद्बुद्धि देना कि मैं हर पल याद रख पाऊँ कि मैं तेरी संतान हूँ और मैं तेरी बताई राह चल पाऊँ.....!
”