STORYMIRROR

छत की...

छत की मुंडेरों पर जो पीपल के पत्ते झड़े थे टूटी बाल्टी में जो बारिश के पानी भरे थे वक्त मिल गया है उस पानी को बहाने की मौका अच्छा है सपनों के महल सजाने की ----कंचन प्रभा

By Kanchan Prabha
 367


More hindi quote from Kanchan Prabha
1 Likes   0 Comments
1 Likes   0 Comments
1 Likes   0 Comments
1 Likes   0 Comments
1 Likes   0 Comments