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अपनी योग्यता को अपने कार्य और अपनी करनी से सिद्ध करें....!
किसी को छोटा दिखाकर या किसी के बारे में बातें करके उसे नीचा साबित करने से अपनी योग्यता नहीं बल्कि अपनी छोटी सोच सिद्ध करने समान है।
अपनी योग्यता का दिखावा अगर करना भी है तो सिर्फ़ अपने कार्य क्षेत्र में रह कर करें.....! औरों के कार्य क्षेत्र में दखलअंदाजी ना करें...!
कई बार वो हमारी योग्यता नहीं, ज़िद होती है। अपनी ज़िद या हठ को योग्यता से ना जोड़ें...!
अपने ओहदे और बड़प्पन का दुरुपयोग ना करें.....!
किसी को अपने से कमज़ोर या छोटा ना समझें....!
कोई अगर हमारी हरकतों को चुपचाप बर्दाश्त करता है तो यह समझें कि वो हमारी इज़्ज़त करता है....!
बड़पन तो किसी को ऊँचा दिखाकर अपनी योग्यता के संस्कारों से जोड़ने में है....!
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