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तब से लेकर अाज तक
जब-जब
रात को
कमलेश कुमारी
कक्षा में पहली बार
आठवीं
उनका
आसमान
रूखसतहोगाकोईतोरोएंगेयेजिस्मोजां/आआकेमिलकेजाएंवो-/होगातभीजन्नतेजहां
होगा रूष्ट
पढ़ता था
यह खुदा से दुआ हैं हमारी
हर दिल
जब मैं
तब-तब
नवीन डेविड उर्फ़ बंटी
ग्यारहवीं
जब तक
जीवन ठीक है
मैंऔरमेरीकविताएं
Hindi
तब संभालती
Quotes
सोमवार: हर दिल तब दुखता है, जब-जब अपने हमसे। दग़ा धोखा करत ...
रात को जब-तब कभी कविता, कभी-कभी कोट्स भी लिखते। कभी-कभी तो द ...
रविवार: जब-जब होगा प्रकृति का हरण, तब-तब होगा रूष्ट ही पर्य ...
झूठ तब तक ठीक है जब तक एक हद में होगा झूठ बोलने से पहले सोचन ...
शुक्रवार: बाज़ार में सबकुछ बिकता है, पानी से लेकर आग बिकाऊ। ...
इंसानभी कोई कम नहीं हैं। थौड़ा बहुत तंदुरुस्त रहता हैं। तब खु ...
रविवार: जब मै आठवीं कक्षा में पढ़ता था, तब एक मैडम पर ही आकर ...
शुक्रवार: मेरा दोस्त नवीन डेविड उर्फ़ बंटी, ग्यारहवीं कक्षा ...
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