मुनासिब कीमत ना लगेगी तेरे किरदार की, अपने हक़ के लिए दिल लड़-मरता कहाँ है। मुनासिब कीमत ना लगेगी तेरे किरदार की, अपने हक़ के लिए दिल लड़-मरता कहाँ है।