पगडण्डी पर छाँव पड़े जब यौवन लालि इठलाए साँझ पड़े और भाव बढे तब खनक चाल की मचलाए सनम मगर तेरी हामि का ... पगडण्डी पर छाँव पड़े जब यौवन लालि इठलाए साँझ पड़े और भाव बढे तब खनक चाल की मचलाए स...
मटकी जो फोडे रे कान्हा चोरी चोरी माखन जो खाये रे। मटकी जो फोडे रे कान्हा चोरी चोरी माखन जो खाये रे।