कैसे कहूँ ? अपने क़िस्से किसी से, क्यों ? हर दिन नया मोड़ लेती हैं शाम। कैसे कहूँ ? अपने क़िस्से किसी से, क्यों ? हर दिन नया मोड़ लेती हैं शाम।