रूप उसका है सबसे निराला, अप्रम पार है उसका हर एक लीला। रूप उसका है सबसे निराला, अप्रम पार है उसका हर एक लीला।
कहीं ना होके भी वह हर जगह है होता। कहीं ना होके भी वह हर जगह है होता।