कभी कभी पुराने गीत भी बोलते हैं निराशाओं के बोझ को सीने में दबाए हुए चलते हैं, तो कभ कभी कभी पुराने गीत भी बोलते हैं निराशाओं के बोझ को सीने में दबाए हुए चलते ...