हमारी नज़रों में अब टिमटिमाती हुई उमंगें भी नहीं बस ढलते हुए कुछ वक़्त के सिरे हैं। हमारी नज़रों में अब टिमटिमाती हुई उमंगें भी नहीं बस ढलते हुए कुछ वक़्त के सिरे ...