बस मिलता रहा प्रलोभन सत्तर साल से नहीं बदला, आम आदमी का जन -जीवन वही भाग -दौड़ निर्व बस मिलता रहा प्रलोभन सत्तर साल से नहीं बदला, आम आदमी का जन -जीवन वही भ...