खुद के अंधेरों में फंसा हूँ, ढूंढ कर निकालना तू अपने ही गुनाहों में बंधा हूँ, मुझको रिहा कर देना तू... खुद के अंधेरों में फंसा हूँ, ढूंढ कर निकालना तू अपने ही गुनाहों में बंधा हूँ, म...
दरगाह "अजमेर शरीफ ख्वाज़ा" जी की, जब तक सूरज-चाँद रहेगा। भरते रहेंगे झोली सबकी, "नीरज" दरगाह "अजमेर शरीफ ख्वाज़ा" जी की, जब तक सूरज-चाँद रहेगा। भरते रहेंगे झोली सबक...