उफ़ुक़ तक हम पहुंच नहीं पाते, इसलिए कवि कल्पना में वहां जाने की कोशिश करता है। उफ़ुक़ तक हम पहुंच नहीं पाते, इसलिए कवि कल्पना में वहां जाने की कोशिश करता है।