तू युगों युगों से संस्कृति द्योतक बनकर, देख होता ह्रास स्वतः छाती तेरी तन जाती है।। तू युगों युगों से संस्कृति द्योतक बनकर, देख होता ह्रास स्वतः छाती तेरी तन जात...