मातृभूमि का ऋण आज मुझे भी चुकाना है, ऐ मेरे फौजी भाई तुझे आज गले से लगाना है... ऐसी ही सम्मान और आदर... मातृभूमि का ऋण आज मुझे भी चुकाना है, ऐ मेरे फौजी भाई तुझे आज गले से लगाना है... ...