होम
कहानी
कविता
कोट
ऑडियो
प्रतियोगिताएं
पुरस्कार
अकादमी
खरीदें
About
कम
ज्यादा
Terms & Condition
गोपनीयता नीति"
कविता
Library
Terms & Condition
गोपनीयता नीति"
साइनअप
लॉग इन
फीड
लाइब्रेरी
लिखें
सूचना
प्रोफाइल
प्रेम
स्त्री
देह
पुरुष
हिन्दी कविता
hindi kavita
Hindi
Writwithpride
Poems
शालिनी गुप्ता "प्रेमकमल"
4 Followers
Tragedy
एल जी बी टी प्राईड मंथन
मैं अपनी जुल्फें छोड़, तेरी जुल्फ़ों को संवारुँ।
मैं अपनी जुल्फें छोड़, तेरी जुल्फ़ों को संवारुँ।
1 min पढ़ें
Tragedy
00:00
00:00
Download StoryMirror App