तन्हाई
तन्हाई
1 min
432
तन्हाई में रोने की आदत मुझे भी है
ज़िन्दगी से कुछ शिकायत मुझे भी है
क्योंकि जनाब इस कदर तोड़ा हमें इस ज़माने ने
हमारा दिल भी रखा रहा तहखाने में
इस ज़माने में अजनबी तो अजनबी है
अजनबियों से हमें गिला क्या
पर अपने तो अपने है लेकिन,
अपनों से हमें मिला क्या?!