तीर नयनों से
तीर नयनों से
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तीर चलाओ नयनों से
ना की चलाओ हाथ से
घायल करो तो नज़रों से
ना की शब्दों की बाण से
अगर जिंदगी में पाना हो लक्ष्य
तो हर पल हो जाओ दक्ष
नजर रखो अर्जुन जैसी
तिरंदाजी कर्ण जैसी
होशियारी के लिये
नमन श्रीकृष्ण जी को
हो सके तो आनेवाला
महाभारत रोको