स्व से परिचय
स्व से परिचय
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कल रात मैंने एक सपना देखा,
सपने में स्वयं को हँसते देखा,
हुई मेरी खुद से पहचान,
हुआ अपने अस्तित्व का ज्ञान ।
एक चंचल लड़की हँसती गाती,
दूसरो का मुश्किल में साथ निभाती,
करती मदद सबकी भली भाँति,
अपने शरारत से दिल बहलाती ।
प्यार बाटती ,
स्नेह लुटाती,
द्वेष हटाती,
क्रोध छुटाती।
एहसास हुआ कोमल मन का,
देख इस दृश्य को आँसू झलका,
फिर आया एक हवा का झोंका,
नींद टूटी मन उठ कर चौंका ।
