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Prabuddh Kashyap

Others

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Prabuddh Kashyap

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सुनो देखो

सुनो देखो

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सुनो देखो अभी ऐसे कहो तो दीद रख लें हम।

हुआ दीदार ना तेरा कहाँ से ईद रख लें हम।


अभी क्या देखते उनसे करीबी का यहाँ रिश्ता।

कहे तो बात से कैसे यहाँ ताकीद रख लें हम।


गजब की हो गई है क्या सियासत देख लो इसको।

कहीं क्या रहनुमाओं से यही उम्मीद रख लें हम।


नहीं कहना सुनो अबकी किसी से दाव की बातें।

कहे तो फिर दिलों में अब यहाँ नौमीद रख लें हम।


करे जैसा कहे वैसा यहाँ जाहिल लिखे बातें।

कभी भी फिर सुनो या ना सुनो तक़लीद रख लें हम।



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