स्टोरी मिरर प्रतियोगिता
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अरविंद सवैया
1
सुविचार सदा रखिए उर में ।
मन भावन आज मिले चित चोर।।
शुभ मंगल मूरत राख हिये।
हरते विघनेश अमंगल
मोर ।।
मिलती सब से शुचिता हमको ।
खिलती कलियाँ करती मनचोर।।
चुभते रहते नित शूल सदा।
सहते हमतो करते नहिं शोर। ।
2
शब्द सृजन- मशहूर
हिय में बसते करते मनकी।
लगके दिल से रहते मगरूर।।
हर बात कहें मरजी उनकी।
बसते रहते बनके वह नूर।।
जबसे उनकी खुशबू महकी ।
विन बात हुए हमतो मशहूर ।।
हिरदे बसती छवियाँ जिनकी ।
फिर चाह रहें हम से वह दूर।।
