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Shalini Chakraborty

Others

4.5  

Shalini Chakraborty

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सपने में

सपने में

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कल रात मेरे सपने में

राम ने पुरजोर विरोध किया

सीता को वन भेजने से।

दौपदी ने नहीं लगने दिया

स्वयं को जुए के दांव पर।

एकलव्य ने नहीं काटा

अपना अंगूठा द्रोण के लिए।

कुन्ती ने कर्ण को

जन्मते ही स्वीकार किया।

आँखो पर पट्टी बान्धने से

गान्धारी ने इन्कार किया।

कल रात इतिहास और मिथिहास की

कई गलतियाँ सुधरी मेरे सपने में।



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