Deepak Kumar Jaiswal
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सावन आया बादल छाए
रिमझिम बरसा की फुहार लाए
चारों ओर देखो कैसी हरियाली छाई
ऐसा लगता है जैसे त्रिभुवन की
निराली छवि दर्शाए।
सावन आया सावन...
चंद्रयान कवित...