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Prakash Vishnoi

Children Stories

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Prakash Vishnoi

Children Stories

रंग बिजली होली

रंग बिजली होली

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रंगों का त्योहार है होली

ख़ुशियों की बौछार है होली

लाल गुलाबी पीले देखो

रंग सभी रंगीले देखों

पिचकारी भर-भर ले आते

इक दूजे पर सभी चलाते

होली पर अब ऐसा हाल

हर चेहरे पर आज गुलाल

आओ यारो इसी बहाने

दुश्मन को भी चलो मनाने


देखो-देखो होली है आई

चुन्नू-मुन्नू के चेहरे पर ख़ुशियाँ हैं

आई

मौसम ने ली है अंगड़ाई।


शीत ऋतु की हो रही है विदाई

ग्रीष्म ऋतु की आहट है आई

सूरज की किरणों ने उष्णता है

दिखलाई

देखो-देखो होली है आई।


बच्चों ने होली की योजना खूब

है बनाई

रंगबिरंगी पिचकारियां बाबा से

है मंगवाई

रंगों और गुलाल की सूची है

रखवाई

जिसकी काका ने अनुमति है

नहीं दिलवाई।


दादाजी ने प्राकृतिक रंगों की

बात है समझाई

जिस पर सभी बच्चों ने सहमति है

जतलाई

बच्चों ने खूब मिठाइयां खाकर

शहर में खूब धूम है मचाई

देखो-देखो होली है आई।


होली ने भक्त प्रहलाद की स्मृति है

करवाई

बच्चों और बड़ों ने कचरे और अवगुणों

की होली है जलाई

होली ने कर दी है अनबन की सफाई

जिसने दी है प्रेम की जड़ों को गहराई।


बच्चों! अब है परीक्षा की घड़ी आई

तल्लीनता से करो पढ़ाई वरना सहनी

पड़ेगी पिटाई

अथक परिश्रम, पुनरावृत्ति देगी सफलता

अपार जन-जन की मिलेगी बधाई

होगा प्रतीत ऐसा होली-सी ख़ुशियाँ हैं

फिर लौट आई

देखो-देखो होली है आई।



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