रिश्ता - अपना पराया
रिश्ता - अपना पराया
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जगत की दुनिया में भी मनुष्य अपना पराया है
समानता की लहरों में भी धर्म अपना पराया है
दुनिया की नजरों से इन्हे हमको हटाना है
अगर रिश्ता मजबूत हो तो फिर क्या अपना पराया है।
