HEERAL DODHIYA
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तूफानी समंदर है तो क्यों आंख दिखाता है मुझे,
ओस से प्यास बुझाना आता है मुझे!
हो चाहे कितनी भी कड़कती धूप,
अपने विश्वास को संभालना आता है मुझे!
ये रिश्ता क्य...
प्यास
विश्वास