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HEERAL DODHIYA

Others

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HEERAL DODHIYA

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प्यास

प्यास

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तूफानी समंदर है तो क्यों आंख दिखाता है मुझे,

ओस से प्यास बुझाना आता है मुझे!

हो चाहे कितनी भी कड़कती धूप,

अपने विश्वास को संभालना आता है मुझे!


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