प्यारी सी एक दुनिया मेरी

प्यारी सी एक दुनिया मेरी

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ज़िन्दगी मेरी कुछ यूं लिखी गई

पन्नों मे मेरी हर खुशी भर्ती गई

हाथों में जो लकीरें न थी मेरे

उन लकीरों की रेखा भी

मेरी माँ बनाती गई


यू तो जन्म हमे माता पिता देते है

पर लिखने को हम सिर्फ माँ की

दास्तान लिखते है

पिता फिर भी चुप्पी साधे रहते है

क्योंकि उन्हे भी पता है

माँ के सामने भगवान भी झुकते है


माता पिता उस पेड़ की जड़े है

जिन पेड़ों के हम फूल है

खुशबू बिखेरे जग में हम

सपनों की ये उड़ान है



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