फ़रियाद
फ़रियाद
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ए खुदा सुन फ़रियाद मेरी
जल्द ही मुक्कम्मल मेरा ये अरमान हो
तेरे इस नायाब आसमान के नीचे
मेरा भी एक मोहब्बत का जहान हो
नफ़रत के तीखे अल्फ़ाज़ जंहा ख़ामोश रहें
सिर्फ़ प्यार की मिठी ज़ुबान हो..
यंहा तो छूप जाता है हुनर चन सिक्कों की आड़में
या खुदा वँहा सभी में जलती मशाल सा ईमान हो
बेटी की पदाईश पर हर माँ बाप फ़क़्र करें
यूँना नन्ही सी जान का कत्लेआम हो
मिले आज़ादी उसे भीअपनी ख्वाईशे पूरी करने की
हर बार क्यूँ भला सिर्फ़ उसिका इम्तहान हो
