फेसबुक का वो पहला प्यार
फेसबुक का वो पहला प्यार
हां वही लड़की,
जिसका किस्सा औरों की तरह,
उसके एक सिंपल Hi के मैसेज से शुरू हुआ था,
और मेरे उस Bye के मैसेज पर खत्म हुआ,
जो की आजतक डिलीवर नहीं हुआ,
आज अचानक से याद आ रही है।
शायद ब्लॉक कर दिया होगा
उसने और भूल गयी होगी,
थोड़ी भुलक्कड़ सी थी वो,
पर मैं वाकिफ़ था उसके इस अदा से,
फिर भी मैंने मुहब्बत की गुस्ताखी कर ही दी।
लत कुछ ऐसी लगी थी कि वो भूख, वो नींद
वो चैनों करार, सब गायब थे, एक चेहरा था,
मेरे कुछ शायराना लफ्ज़ थे
और वो सर्द भरी रातें थी,
बस उन्हें हमसे मुहब्बत कमाल की हो गयी।
गुस्सा उसके हर बातों में
और उसके हर गुस्से को झेलना मेरी आदत,
पर वक़्त ने खेल कुछ यूं खेला की
एकदिन सब बिखर गया,
मैंने गुस्से में कुछ ज़्यादा बोल दिया फिर,
वो शख्श जो मेरे बेहद करीब था वो मुझसे बिछड़ गया,
फेसबुक का वो एकाउंट अचानक से दिखना बंद हो गया।
वो लड़की जिसका किस्सा औरों की
तरह एक सिंपल Hi से शुरू हुआ था,
और उस bye पर खत्म हुआ जो कि
आजतक डिलीवर नहीं हुआ,
आज अचानक से याद आ रही है...