कॉलेज के दिनों में 'मेकैनिकल इंजीनियरिंग' करते हुए, अपने आस पास के दोस्तों की कहानियों को शब्द देने से लेकर किसी के जुल्फों की छांव को लिखने तक के सफर ने मुझे लिखना सिखाया, अब भी सीख ही रहा हूँ... !
रखिये ये आप, एक छोटा सा तोहफा समझकर ही रख लीजिए और ये मेरा कार्ड भी रखिये ! रखिये ये आप, एक छोटा सा तोहफा समझकर ही रख लीजिए और ये मेरा कार्ड भी रखिये !