फौजी
फौजी
एक शब्द इंसान को कितना बदल देता है
कल तक वो एक आम लड़का था,
लेकिन आज वो फौजी है
कल तक वो सिर्फ अपनी माँ का बेटा था,
लेकिन आज वो भारत माँ का बेटा है
कल तक वो सिर्फ अपने पिता का खून था,
लेकिन आज वो देश के लिए मर-मिट जाने वाला जूनून है
कल तक वो सिर्फ अपनी बहन की रक्षा के बंधन से बंधा हुआ था,
लेकिन आज देश की रक्षा के बंधन से बंधा हुआ है
कल तक वो भी आराम से सोता था,
लेकिन आज हम आराम से सो रहे है
क्योंकि वो जाग रहा है
कल तक उसके कपड़े पसीने म
ें लटपट हुआ करते थे,
लेकिन आज उसकी वर्दी खून में लथपथ है
कल तक वो सबके लिए अनजान था,
लेकिन आज अखबार की सुर्खियों में है
अख़बार कल भी छपे थे,
लेकिन उसका ज़िक्र नहीं था,
क्योंकि कल तक तो वो एक आम फौजी था,
लेकिन आज वो शहीद है
कल तक उसकी माँ अपने बेटे से
महीनो के बाद मिलने के ग़म में रोती थी,
लेकिन आज अपने बेटे को
आखिरी बार देखने के ग़म में रो रही है
कल तक हम आराम से सो रहे थे,
और आज भी आराम से सो रहे है
क्योंकि सरहद पर वो नहीं पर कोई और
फौजी हमारी रक्षा कर रहे है