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Nirlajj Stuti

Others

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पार्वती का पलायन

पार्वती का पलायन

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शिव था मैं, पार्वती मेरी चली गयी। 

लौटी थी बहुत दिनों बाद,

अपनी आखरी निशानी ले ओझल हो गयी। 


भौतिक संसार में मुझे साकार करती

एकमात्र कड़ी, आज वो भी टूट चुकी। 

मैं निराश, निराकार में लुप्त हो चला।


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