नारी
नारी
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तू मां भी है, और बेटी भी है,
तू बहन भी है, और बहू भी है,
तू आशा की किरण भी है,
और निराशा से पीड़ित भी है,
ज़ुल्म होता तुझपे है,
और सवाल तुझपे ही उठाया जाता है,
देवी तुझे माना जाता है
और अपमान भी तेरा ही किया जाता है।
हर दर्द को सहने की क्षमता तुझमें है,
हर जंग जीत जाने की उमंग भी तुझमें है,
ए नारी, तू ईश्वर की बनाई शक्ति का अवतार है!
