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Manavta Sharma

Others

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Manavta Sharma

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मेरी वो कमी..!

मेरी वो कमी..!

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कुछ तो कमी होगी मुझ में

कुछ तो कमी होगी मुझ में

जो पूरी दुनिया में किसी को ना दिखी पर तुम्हें दिख गई।।

कुछ तो कमी होगी मुझ में

जो पूरी दुनिया में किसी को ना दिखी पर तुम्हें दिख गई।।

शायद वो कमी यही है

शायद वो कमी यही है

कि मैं उन्हें नहीं तुम्हें मिल गई।

शायद वो कमी यही है,

कि मैं उन्हें नहीं तुम्हें मिल गई।।

वैसे उतनी बुरी मैं हूँ नहीं,

वैसे उतनी बुरी मैं हूँ नहीं,

तुम आज़माओ तो सही।

वैसे उतनी बुरी मैं हूँ नहीं

तुम आज़माओ तो सही।।


बस प्यार की प्यास कुछ ज़्यादा है मुझमें,

बस प्यार की प्यास कुछ ज़्यादा है मुझमें,

वो प्यार जो कभी मिला ही नहीं।

बस प्यार की प्यास कुछ ज़्यादा है मुझमें,

वो प्यार जो कभी मिला ही नहीं।।

तुम्हारे जीवन को तुम्हारे घर को,

तुम्हारे जीवन को, तुम्हारे घर को,

स्वर्ग बनाने की काबिलीयत थी मुझमें।

तुम्हारे जीवन को, तुम्हारे घर को

स्वर्ग बनाने की काबिलीयत थी मुझमें।।


तुमने वो प्यार, वो एतबार कर के तो देखा होता

तुमने वो प्यार, वो एतबार कर के तो देखा होता।।

अब बस यही सोचती हूँ मैं

अब बस यही सोचती हूँ मैं

के आखिर वो कमी थी क्या?

अब बस यही सोचती हूँ मैं

के आखिर वो कमी थी क्या?

जो पूरी दुनिया में किसी को ना दिखी पर तुम्हें दिख गई।

जो पूरी दुनिया में किसी को ना दिखी पर तुम्हें दिख गई।।


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