Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Kaushal Jangid

Others

2  

Kaushal Jangid

Others

मेरे मन की कलम से कुछ अपने कुछ

मेरे मन की कलम से कुछ अपने कुछ

1 min
161


मेरे मन की कलम से

कुछ अपने कुछ दुसरो के गम से


तू खुद की तलाश में निकल 

चल चल तू अपने साथ चल 

पछतायेगा रह जायेगा

कुछ न यहाँ हो पायेगा 

चाहे हो कुछ भी यहाँ

याद तू ना आएगा 

हालातों के तेरे जिम्मेदार

तू ही कहलायेगा                        

उठा ले फिर जिम्मेदारी तू अपनी 

रख ले तू पाँव अंगद सा

जमा कर साथ तेरे सब आएंगे

कोसा है जिन्होंने भी,

एक दिन वो ही तेरे गुण गायेंगे  

घबरा न तू पछता न तू ,

होगा उदय भानु फिर से कल 

जिस दिन तुझे तू पा जायेगा 

बाकि न कुछ रह जायेगा 

चल तू बस अपने ही पथ पर

सारथी मिल जाएंगे 

ढूंढेगा तो एक दिन

तुझे भगवान मिल ही जायेंगे 

तू खुद की तलाश में निकल 

चल चल तू अपने साथ चल


Rate this content
Log in