मेरा जीना अभी बाकी है
मेरा जीना अभी बाकी है
ज़िंदगी दो पल ठहर जा, मेरा जीना अभी बाक़ी है,
जो ख्वाब देखे हैं मैंने, उनका पूरा होना अभी बाक़ी है।
माँ-बाप की ऊँगली पकड़ के चला, खुद के पैरों पे खड़ा होना अभी बाक़ी है ,
संघर्ष के हर एक मोड़ पे जो अरमां दफनाए हैं, उनका ज़िंदा होना अभी बाक़ी है।
गम की दीवारों से घिरा हूँ न जाने कब से, खुशियों से रूबरू होना अभी बाक़ी है,
आंखों पे अश्क़ ही सजाये घूमता रहा हूँ,चेहरे पे हलकी सी मुस्कान आना अभी बाक़ी है।
इस लम्बे सफर पे तन्हा ही चला हूँ, किसी का हाथ पकड़ के चलना अभी बाक़ी है ,
अच्छे-बुरे पलों का एक सैलाब दिल मैं दबा है, किसी अपने के साथ इनका बाँटना अभी बाक़ी है ।
नाकामयाबी की ज़ंजीरों ने जकड़ा हुआ है मुझे, मेरा कामियाब होना अभी बाक़ी है
बिना रुके दौड़ता जा रहा हु इस डगर पे, मेरा थक कर चूर होना अभी बाक़ी है।
जानवरों की तरह भी ज़ी के देखा है मैंने, पंछियों की तरह मेरा उड़ान भरना अभी बाक़ी है,
प्यार-नफरत दोनों से वाकिफ है मेरा दिल, पर इसे सुकून मिलना अभी बाक़ी है।
ढलती हुई शाम की तरह सोना सीख लिया मैंने, उभरती हुई सुबह की तरह मेरा जागना अभी बाक़ी है,
ऊँचे पर्वत चूमते हैं जिस गगन को, उस आस्मां की बुलंदियों को छूना अभी बाक़ी है।
कर लूँ जब हासिल ये तमाम हसरतें अपनी पूरी, तब ज़िन्दगी को अलविदा कहने से न हिचकिचाऊंगा मैं,
आंखें बंद कर, सीने मैं चैन की सांस लिए, मौत क आगोश मैं समां जाऊंगा मैं।
